Sun Transit 2021 : सूर्य के वृषभ राशि में गोचर से चमकेगी चार राशियों की चमकेगी किस्मत

प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव जब एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं तो उस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। 14 मई 2021 की रात 11:23 मिनट पर सूर्यदेव ने मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश किया है। विदित हो कि सूर्य प्रत्येक राशि में एक माह तक रहते हैं। वृषभ राशि के नक्षत्र में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र मे आते हैं तो धरती पर प्रचंड गर्मी पड़ती है, इस दौरान अत्यंत गर्म नौ दिनों को भारत में नवतपा कहा जाता है।
वृषभ राशि में सूर्य की सक्रांति होने पर सूर्य, राहु, बुध और शुक्र के साथ जा मिलेंगे, जिससे ये सूर्य राहू संग ग्रहण व पित्र दोष, बुध संग बुधादित्य योग बनाएंगे। वहीं शुक्र बुध की युति इस राशि मे पहले से ही लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण कर रही है, जबकि शुक्र अपनी स्वराशि वृष में ही गोचर कर रहे हैं। ऐसे में शुक्र के गुणों में वृद्धि भी देखने को मिलेगी। चूंकि यह राशि प्रवेश शुक्रवार के दिन हो रहा है, ऐसे में पशुपालकों व दूध उत्पादकों को विशेष लाभ मिलेगा।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा,मान सम्मान तथा उच्चपद का कारक माना गया है। सूर्यदेव जहां भी जाते हैं, उस भाव से संबंधित चीजों को प्रकाशित अथवा प्रकट कर देते हैं। इस प्रकार देखें तो वृषभ राशि खान-पान एवं धन की राशि है। सूर्य इस राशि में जाकर शुक्र से संबंधित चीजों को प्रकाश में ले आएंगे। ऐसे में कुछ जगहों में कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में कुछ राहत अथवा कमी देखने को मिलेगी।
भारत की परिपेक्ष्य में कहें तो सूर्य का भारत के लग्न में राहू से जाकर मिलना भारत की जनता एवं भारत के सरकार के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। भारत की वृषभ लग्न की पत्रिका में सूर्य चतुर्थ भाव अथवा जनता का प्रतिनिधित्व करता है जो कि राहु के मुंह में जाती हुई दिखाई दे रही है। जिससे यह स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि भले ही बीमारी में कुछ दिनों की राहत मिल जाये लेकिन मृत्यु दर में ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। इस दौरान कुछ नामी-गिरामी व्यक्तियों व सरकार से जुड़े कई बड़ी शख्सियतों की मृत्यु की भी आशंका बनी रहेगी। 10 जून 2021 को सूर्यग्रहण खत्म हो जाने के बाद भारत की जनता को राहु के प्रभाव से कुछ हद तक मुक्ति मिलेगी।
सामान्य तौर से वृषभ राशि शुक्र की राशि होने पर सूर्य की शत्रु राशि कही गई है, परंतु इस वृष राशि मे सूर्य के मित्र ग्रहों के नक्षत्र होते हैं, जिस कारण सूर्य के वृषभ राशि गोचर को शास्त्रों में अच्छा ही बताया है। आइए जानते हैं कि वृष राशि के ये सूर्य आखिर आपकी राशि को कैसा फल देने जा रहे हैं —
मेष :
मेष राशि के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी बनते हैं, जो संतान से संबन्धित होता है। ऐसे में इस सूर्य का दूसरे भाव में प्रवेश करना शुभ नहीं माना जा सकता है। ऐसे में मेष राशि वालों को अत्यधिक खर्चो के चलते नुकसान झेलना पड़ सकता है अथवा कोई सरकार संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सोच-समझकर ही खर्च करना उचित रहेगा। शास्त्रों में कहा गया है कि जब दूसरे भाव में सूर्य राहु के साथ आता है तो राज्य सरकार से दंड मिलता है। संतान से भी किसी ना किसी प्रकार कष्ट मिल सकता है। इस दौरान आपकी वाणी भी खराब हो सकती है, अत: अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाए रखें।
वृषभ:
वृषभ राशि वालो के लिए सूर्य चौथे भाव का स्वामी बनता है। जिसके प्रथम अथवा लग्न भाव से ही सूर्य का यह गोचर होगा। जिस कारण जातक विशेष को सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है। विशेष तौर से गर्दन के हिस्सों से जुड़ा कष्ट हो सकता है। जातक की मां और पत्नी को भी कोई ना कोई सेहत संबंधी दिक्कतें हो सकती है।
मिथुन:
मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी बनता है। इस राशि के बारहवें भाव से सूर्य का यह गोचर होगा, जिस कारण जातक का अपने पड़ोस अथवा भाई बहनों से विवाद उत्पन्न हो सकता है तथा जातक को अस्पताल व कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। उसकी दायीं आंख में भी कष्ट हो सकता है। आने वाले जून महीने के 15 दिन कतई शुभ नहीं कहे जा सकते हैं। ऐसे में इस दौरान यात्रा करने से बचें, अन्यथा यात्रा में समान चोरी होने अथवा चोट लगने जैसी घटना घट सकती है।
कर्क:
कर्क राशि के लिए सूर्य दूसरे अथवा धन भाव का स्वामी बनता है। ये सूर्य इस कर्क राशि से ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे, जिससे इस राशि वालों को धन का लाभ हो सकता है। कर्क राशि वालों के लिए यह समय आधा समय अच्छा तथा आधा बुरा गुजरेगा। इस दौरान कुटुंब परिवार से संबंधित परेशानी भी हो सकती है और किसी से धोखा भी मिल सकता है।
सिंह:
सिंह राशि के लिए सूर्य लग्न का मालिक बनता है। इस लग्न स्वामी का यह दसवें भाव से गोचर होगा, जिस कारण कॅरिअर से संबंधित प्रमोशन और डिमोशन जैसा कुछ भी हो सकता है। जिन जातकों के पास नौकरी नहीं थी, उन्हें रोजी-रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इस गोचरीय सूर्य की चौथे भाव में दृष्टि होने से घर पर कुछेक उलझनें पैदा हो सकती हैं। इस पूरे माह अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें।
कन्या:
कन्या राशि वालों के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी बनता है। इस सूर्य का राशि से नवे भाव में गोचर आपके खर्चों को तो रोकेगा, परंतु पिता की सेहत खराब करेगा। इस दौरान कोई भी निर्णय जल्दबाजी में ना करें। साथ ही लंबी दूरी की यात्रा से बचें। इस पूरे माह पिता की सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
तुला:
तुला राशि के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है। सूर्य का इस राशि से यह अष्टम भाव में गोचर होगा। वहीं गोचर में देखें तो इस तुला राशि का स्वामी शुक्र स्वयं से भी अष्टम गोचर कर रहा है, जो कि जातक विशेष को सेहत संबंधी परेशानी बता रहा है। विशेष तौर पर इस राशि से जुड़े जातकों को लीवर से संबंधित दिक्कतें आ सकती हैं। कोई करीबी व्यक्ति धोखा भी दे सकता है। ऐसे में पूरी तरह सावधान रहें। अष्टम भाव से संबंधित काम करने वाले इस राशि के लोगों को अचानक लाभ भी मिल सकता है।
वृश्चिक:
वृश्चिक राशि के लिए सूर्य दशम भाव का मालिक होता है। इस सूर्य का सातवें भाव से गोचर बिल्कुल भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस गोचर से आपके अपने जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकते हैं अथवा उससे अलगाव तक की स्थिति भी बन सकती है। आपको आपके काम अथवा व्यापार में रुकावट के कारण परेशानी भी हो सकती है। किसी भी सूरत में गुस्सा न करें, अन्यथा आपको अत्यधिक दिक्कत उठानी पड़ सकती है।
धनु:
धनु राशि के लिए सूर्य नौवें भाव का स्वामी होता है। राशि से छठे भाव से इस सूर्य का गोचर शुभता को दर्शा रहा है, लेकिन भाग्य स्वामी का ग्रहण के प्रभाव में आना, आपके बनते कार्यों में रुकावटें दे सकता है। इस कारण आपको अपने कार्यक्षेत्र में अत्यंत ही सावधानी रखने की जरूरत है। इस दौरान किसी के साथ व्यर्थ में उलझने अथवा वाद—विवाद में ना पड़ें क्योंकि आप पर शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है।
मकर:
मकर राशि वालों के लिए सूर्य आठवें भाव का स्वामी बनता है। इस आठवें भाव के मालिक का राशि से पांचवे भाव से गोचर होगा। जिस कारण इस राशि वालों का झुकाव जहां ज्योतिष एवं अध्यात्म की तरफ बढ़ेगा, वहीं संतान से संबंधित चिंता भी लगी रहेगी तथा अपेक्षित पद की प्राप्ति नहीं होगी। वर्तमान में आपकी साढ़ेसाती भी चल रही है। ऐसे मे सूर्य मंत्र का जाप करना लाभदायक रहेगा।
कुंभ:
कुंभ लग्न वालों के लिए सूर्य सातवें भाव का स्वामी बनता है। जिसका आपकी राशि से चौथे भाव से गोचर होगा जो शुभता लिए नहीं होगा। जिस कारण माता एवं घर से संबंधित परेशानी उत्पन्न होगी तथा आपके अपने बॉस से वाद-विवाद भी हो सकते हैं। वाहन चलाने में अत्यंत ही सावधानी रखने की जरूरत रहेगी, अन्यथा चोट-चपेट लगने की आशंका है।
मीन:
मीन राशि के लिए सूर्य छठे भाव के स्वामी बनते हैं। सूर्य का इस राशि से तीसरे भाव से गोचर होगा जो कि शुभता लिए हुए होगा। इस राशि के जो जातक पत्रकारिता और कम्युनिकेशन जगत से जुड़े हुए हैं, उनके लिए यह बहुत शुभ समय है। इस दौरान उनकी यात्रा और उसे लाभ के योग बनेंगे।