Prayagraj Mahakumbh 2025: कुंभ नगरी में स्वामी नारायण संप्रदाय का हुआ प्रवेश, महाकुंभ के दौरान होंगे कई धार्मिक अनुष्ठान
प्रयाग पुत्र राकेश शुक्ल ने यजमान के रूप में संतों संग किया वैदिक विधि से भूमि पूजन

Akshardham temple Camp: गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगमतट पर आस्था का महामेला सजने लगा है। 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होने जा रहे महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रतिदिन कुंभ नगरी प्रयागराज में कोई न कोई धार्मिक संस्था अथवा अखाड़ा अपनी भूमि का पूजन कर धर्म-ध्वजा को फहरा रहा है। इसी क्रम में पौष कृष्ण द्वितीया यानि 17 दिसंबर 2025 को प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 6, बजरंग दास मार्ग पर, वैश्विक स्तर पर “नर सेवा नारायण सेवा” के भाव को जागृत करने वाली प्रतिष्ठित संस्था श्री स्वामी नारायण संप्रदाय – अक्षरधाम मंदिर के प्रथम बार लग रहे शिविर का शुभारंभ हुआ।
संतों संग प्रयाग पुत्र ने किया विधि-विधान से भूमि पूजन
स्वामी नारायण संप्रदाय के इस शिविर के पूजन की शुरुआत गंगा पूजन से हुई। इसके पश्चात् वैदिक परंपरा के अनुसार भूमि पूजन का दिव्य आयोजन स्वामी श्री मुनि वत्सल जी, स्वामी सत्यनिष्ठा जी और स्वामी धर्म मूर्ति जी के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस अत्यंत ही शुभ अवसर पर यजमान के रूप में प्रयाग पुत्र श्री राकेश शुक्ला जी के द्वारा पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ.
भूमि पूजन में गणमान्य लोगों की रही सहभागिता
स्वामी नारायण संप्रदाय के भूमि पूजन कार्यक्रम में श्री मनोज जी लल्लू जी एंड संस, डॉ. सनी सिंह, श्री अजय मिश्रा, विशाल अग्रवाल, शैलेश जायसवाल एवं कुंभ मेला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण विशेष रूप से उपस्थित रहे। गंगा तट पर आयोजित यह कार्यक्रम दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा, जिसने सभी श्रद्धालुओं को एक गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया.
महाकुंभ के दौरान होंगे कई धार्मिक-आध्यात्मिक अनुष्ठान
स्वामी नारायण संप्रदाय जिसकी अक्षरधाम मंदिर विशेष पहचान बन चुका है, उसके द्वारा कुंभ मेले में इस शिविर के माध्यम से सेवा और समर्पण की भावना को मूर्त रूप देते हुए समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत करने का संकल्प लिया गया। पूजन के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार एवं गंगा आरती के स्वर से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा। उपस्थित जनमानस ने इस आयोजन को आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बताया। स्वामी नारायण संप्रदाय के इस दिव्य शिविर में कुंभ मेले के दौरान संतों के सान्निध्य में कई धार्मिक एवं आध्यात्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे।