Makar Sankranti 2025: कब है मकर संक्रांति का शाही स्नान, जानें स्नान-दान-पूजन से जुड़ी सभी जरूरी बातें
14 या 15 को मनाई जाएगी संक्रांति, एक क्लिक में दूर करें सूर्य से जुड़े महापर्व का कन्फयूजन

Makar Sankranti 2025 Shahi Snan: सनातन परंपरा में मकर संक्रांति के पावन पर्व का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। इसका महत्व तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब यह प्रयागराज महाकुंभ के दौरान पड़ता है। साल 2025 में इस बार यह संयोग बनने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य देवता जब अपने पुत्र शनि की मकर राशि में गोचर करते हैं, तब उस दिन मकर संक्रांति का महापर्व मनाया जाता है। इसी दिन कुंभ नगरी प्रयागराज में साधु-संतों से जुड़े अखाड़ों का दूसरा शाही स्नान होगा। हिंदू मान्यता के अनुसार कुंभ पर्व के समय एक शुभ घड़ी में मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने से सारे पाप दूर होते हैं और व्यक्ति के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है।
कब पड़ेगी मकर संक्रांति (Makar Sankranti Date)
पंचांग के अनुसार इस साल मकर संक्रांति का पावन पर्व 14 जनवरी 2025, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। पंचाग के अनुसार मकर संक्रान्ति का पुण्य काल प्रात:काल 09:03 बजे से लेकर सायंकाल 06:01 बजे तक यानि कुल 08 घंटे और 58 मिनट रहेगा। मकर संक्रांति के दिन महापुण्यकाल प्रात:काल 09:03 बजे से 10:58 बजे तक रहेगा।
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व (Makar Sankranti relegious Importance)
ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के पर्व वाले दिन सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है और इस दौरान जप, तप, तीर्थ यात्रा, नदी स्नान, दान आदि शुभ कार्यों को करने पर व्यक्ति को सकरात्मक फलों की प्राप्ति होती है।
किस देवता की करें पूजा (Makar Sankranti Worship Method)
मकर संक्रांति का पर्व सौभाग्य और आरोग्य के देवता भगवान भास्कर यानि सूर्य देवता को समर्पित है। ऐसे में इस दिन किसी प्रयागराज के संगम तट पर जाकर अथवा अपने घर में पानी में गंगाजल और तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि मकर सक्रांति पर इस स्नान को करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को स्नान के बाद सूर्य देवता की विधि-विधान से पूजा एवं उन्हें अघ्र्य प्रदान करना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देवता के मंत्र जप और आदित्य हृदय स्तोत्र और सूर्याष्टकं का पाठ करने पर व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और उसे इससे जुड़े सभी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
मकर संक्रांति पर किस चीज का करें दान (Makar sankranti Daan)
कुंडली में सूर्य से जुड़े शुभ फल पाने के लिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करना बेहद शुीा माना गया है। चूंकि इस समय सर्दी पड़ रही होती है। ऐसे में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को धन के साथ गर्म कपड़े, शुद्ध देशी घी, गुड़, तिल, चावल, उड़द, खिचड़ी, आदि अन्न का दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। हालांकि यदि आप किसी कारणवश इस दिन इन चीजों का दान नहीं कर पाते हैं तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस दिन तीर्थ प्रयागराज के पावन त्रिवेणी संगम में स्नान करने मात्र से ही व्यक्ति व्यति को 10 अश्वमेध यज्ञ और 1,000 गायों के दान के बराबर पुण्य प्राप्ति की बात कही गई है।
मकर संक्रांति पर कब करें दान (Makar sankranti Daan Time)
मकर संक्रांति का दान सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले करें। भगवान सूर्य का दान सुयोग्य एवं जरूरतमंद व्यक्ति को दें और इसे देते समय अपने मन में किसी भी प्रकार अभिमान न लाएं।